दूधनाथ सिंह की रचनाएँ
जन्म : 17 अक्टूबर 1936 , सोबंथा गाँव, (बलिया, उत्तर प्रदेश)
निधन : 11 जनवरी, 2018 ई. (इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश)
जनवादी साहित्यकार दूधनाथ सिंह ने अपनी कहानियों के माध्यम से साठोत्तरी भारत के पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, नैतिक एवं मनोवैज्ञानिक सभी क्षेत्रों में उत्पन्न विसंगतियों एवं विद्रूपताओं को चुनौती दी।
यम-गाथा नाटक मिथक पर आधारित है और इसका कथानक व्यापक सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों - साममन्तवाद, सत्ता की राजनीति, हिंसा, अन्याय, सामाजिक-भेदभाव और नस्लवाद पर सवाल पर खड़े करता है।
साठोत्तरी कहानी और अकहानी के सूत्रधारों में से
दूधनाथ सिंह उन कथाकारों में शामिल हैं जिन्होंने नई कहानी आंदोलन को चुनौती दी और साठोत्तरी कहानी आंदोलन का सूत्रपात किया। 'हिन्दी के चार यार' के रूप में प्रसिद्ध में से एक। अन्य तीन हैं - ज्ञानरंजन, काशीनाथ सिंह और रवीन्द्र कालिया।
उपन्यास : आखिरी कलाम (2003 ई.), बाबरी मस्जिद-विध्वंस पर यात्रा-वृतान्त शैली में रचित उपन्यास ।
कहानी-संग्रह : सपाट चेहरे वाला आदमी (1967 ई.), सुखान्त (1971 ई.), प्रेमकथा का अन्त न कोई, पहला क़दम (1976 ई.) माई का शोकगीत (1992 ई.), नमो अन्धकारम् (1998 ई.), धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे (2002 ई.), निष्कासन (2002 ई.), तू फू (2011 ई.), जलमुर्गिर्यों का शिकार, कथा-समग्र।
चर्चित कहानियाँ : विजेता, कबन्ध, रीछ, सुखान्त, प्रतिशोध इत्यादि।
कविता-संग्रह : अगली शताब्दी के नाम, एक और भी आदमी है, युवा खुशबू, सुरंग से लौटते हुए (लंबी कविता), तुम्हारे लिए, एक अनाम कवि की कविताएँ।
नाटक : यमगाथा (1990 ई.), पौराणिक गाथा को आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है। पुरुरवा, उर्वशी और इन्द्र इसके मुख्यपात्र हैं।
आलोचना : निराला : आत्महंता आस्था, महादेवी, मुक्तिबोध : साहित्य में नई प्रवृत्तियाँ, अन्तःकरण का आयतन (मुक्तिबोध की कविता पर एक पुस्तक)।
संस्मरण : लौट आ ओ धार (1995 ई.), सबको अमर देखना चाहता हूँ।
साक्षात्कार : कहा-सुनी (2005 ई.), इसमें दूधनाथ सिंह के चार साक्षात्कार और चार निबन्ध (महाजनी सभ्यता और आज की दुनिया, सुमित्रानन्दन पन्त का अन्तर्गमन, समकालीन हिन्दी कविता में रीतिवाद तथा कहानी का झूठा सच) संकलित हैं।
सम्पादन : तारापथ (सुमित्रानंदन पंत की कविताओं का चयन), एक शमशेर भी है, दो शरण (निराला की भक्ति-कविताएँ), भुवनेश्वर-समग्र, पक्षधर (पत्रिका – आपात काल के दौरान एक अंक का सम्पादन, जिसे सरकार द्वारा ज़ब्त कर लिया गया)।
सम्मान : भारत भारती सम्मान, भारतेंदु सम्मान, शरद जोशी स्मृति सम्मान, कथाक्रम सम्मान, साहित्य भूषण सम्मान।
Hindi Sahitya Vimarsh
UGCNET/JRF/SLET/PGT (हिन्दी भाषा एवं साहित्य)
के परीक्षार्थियों के लिए सर्वोत्तम मार्गदर्शक
hindisahityavimarsh.blogspot,in
iliyashussain1966@gmail.com
Mobilr : 9717324769
सम्पादक : मुहम्मद इलियास हुसैन
सहायक सम्पादक : शाहिद इलियास
Hindi Sahitya Vimarsh
हिन्दी भाषा और साहित्य के विविध आयामों पर सार्थक विमर्श, हिन्दी साहित्य और साहित्यकारों पर परीक्षोपयोगी सामग्री, कविता, कहानी और लेख आदि की प्रस्तुति तथा विभिन्न भारतीय भाषाओं, विशेष कर उर्दू भाषा और साहित्य, पर उत्कृष्ट सामग्री भी प्रस्तुत की जाएगी।
बुधवार, 24 जनवरी 2018
मंगलवार, 23 जनवरी 2018
प्रसाद के नाटक स्कन्दगुप्त के पात्र
प्रसाद के नाटक स्कन्दगुप्त के पात्र
पुरुष-पात्र
स्कन्दगुप्त : युवराज (विक्रमादित्य)
कुमारगुप्त : मगध का सम्राट्
गोविन्दगुप्त : कुमारगुप्त का भाई
पुरगुप्त : कुमारगुप्त का छोटा पुत्र
पर्णदत्त : मगध का महानायक
चक्रपालित : पर्णदत्त का पुत्र
बन्धुवर्म्मा : मालव का राजा
भीमवर्म्मा : बन्धुवर्म्मा का भाई
मातृगुप्त : काव्यकर्ता कालिदास
प्रपंचबुद्धि : बौद्ध कापालिक
शर्वनाग : अंर्वेद का विषयपति
धातुसेन (कुमारदास) : कुमारदास के प्रछन्न रूप में सिंहल का राजकुमार
भटार्क : नवीन महाबलाधिकृत
पृथ्वीसेन : मंत्री कुमारात्य
खिंगिल : हूण आक्रमणकारी
मुद्गल : विदूषक
प्रख्यातकीर्ति : लंकराज कुल का श्रमण, महाबोधि-विहार का स्थविर
नारी-पात्र
देवकी : कुमारगुप्त की बड़ी रानी
अनन्तदेवी : कुमारगुप्त की छोटी रानी, पुरगुप्त की माता
जयमाला : बन्धुवर्मा की स्त्री, मालव की रानी
देवसेना : बन्धुवर्म्मा की बहिन
विजया : मालव के धनकुबेर की कन्या
कमला : भटार्क की जननी
रामा : शर्वनाग की स्त्री
मालिनी : मातृगुप्त की प्रणयिनी
Hindi Sahitya Vimarsh
UGCNET/JRF/SLET/PGT (हिन्दी भाषा एवं साहित्य) के
परीक्षार्थियों के लिए सर्वोत्तम मार्गदर्शक
Hindisahityavimarsh.blogspot.in
सम्पादक : मुहम्मद इलियास हुसैन
सहायक सम्पादक : शाहिद इलियास
E-mail : iliyashussain1966@gmail.com
Mobile : +91-9717324769
पुरुष-पात्र
स्कन्दगुप्त : युवराज (विक्रमादित्य)
कुमारगुप्त : मगध का सम्राट्
गोविन्दगुप्त : कुमारगुप्त का भाई
पुरगुप्त : कुमारगुप्त का छोटा पुत्र
पर्णदत्त : मगध का महानायक
चक्रपालित : पर्णदत्त का पुत्र
बन्धुवर्म्मा : मालव का राजा
भीमवर्म्मा : बन्धुवर्म्मा का भाई
मातृगुप्त : काव्यकर्ता कालिदास
प्रपंचबुद्धि : बौद्ध कापालिक
शर्वनाग : अंर्वेद का विषयपति
धातुसेन (कुमारदास) : कुमारदास के प्रछन्न रूप में सिंहल का राजकुमार
भटार्क : नवीन महाबलाधिकृत
पृथ्वीसेन : मंत्री कुमारात्य
खिंगिल : हूण आक्रमणकारी
मुद्गल : विदूषक
प्रख्यातकीर्ति : लंकराज कुल का श्रमण, महाबोधि-विहार का स्थविर
नारी-पात्र
देवकी : कुमारगुप्त की बड़ी रानी
अनन्तदेवी : कुमारगुप्त की छोटी रानी, पुरगुप्त की माता
जयमाला : बन्धुवर्मा की स्त्री, मालव की रानी
देवसेना : बन्धुवर्म्मा की बहिन
विजया : मालव के धनकुबेर की कन्या
कमला : भटार्क की जननी
रामा : शर्वनाग की स्त्री
मालिनी : मातृगुप्त की प्रणयिनी
Hindi Sahitya Vimarsh
UGCNET/JRF/SLET/PGT (हिन्दी भाषा एवं साहित्य) के
परीक्षार्थियों के लिए सर्वोत्तम मार्गदर्शक
Hindisahityavimarsh.blogspot.in
सम्पादक : मुहम्मद इलियास हुसैन
सहायक सम्पादक : शाहिद इलियास
E-mail : iliyashussain1966@gmail.com
Mobile : +91-9717324769
प्रसाद के नाटक चन्द्रगुप्त के पात्र
>प्रसाद के नाटक चन्द्रगुप्त के पात
चाणक्य (विष्णुगुप्त) : मौर्य्य साम्राज्य का निर्माता
चन्द्रगुप्त : मौर्य्यःसम्राट्
नन्द : मगधःसम्राट्
राक्षस : मगध का अमात्य
वररुचि (कात्यायन) : मगध का अमात्य
शकटार : मगध का मंत्री
आम्भीक : तक्षशिला का राजकुमार
सिंहरण : मालव गणमुख्य का कुमार
पर्वतेश्वर : पंजाब का राजा (पोरस)
सिकन्दर : ग्रीक विजेता
फिलिप्स : सिकन्दर का क्षत्रप
मौर्य्य-सेनापति : चन्द्रगुप्त का पिता
एनीसाक्रीटीज : सिकन्दर का सहचर
देवबल, नागदत्त, गणमुख्य : मालव गणतंत्र के पदाधिकारी
साइबर्टियस, मेगास्थनीज : यवन दूत
गान्धार-नरेश : आम्भीक का पिता
सिल्यूकस : सिकन्दर का सेनापति
दाण्ड्यायन : एक तपस्वी
नारीःपात्र
अलका : तक्षशिला की राजकुमारी
सुवासिनी : शकटार की कन्या
कल्याणी : मगध राजकुमारी
नीला, लीला : कल्याणी की सहेलियाँ
मालविका : सिन्धु देश की राजक्मारी
कार्नेलिया : सिल्यूकस की कन्या
मौर्य्य-पत्नी : चन्द्रगुप्त की माता
एलिस : कार्नेलिया की सहेली
Hindi Sahitya Vimarsh
UGCNET/JRF/SLET/PGT (हिन्दी भाषा एवं साहित्य) के
परीक्षार्थियों के लिए सर्वोत्तम मार्गदर्शक
Hindisahityavimarsh.blogspot.in
मुहम्मद इलियास हुसैन
E-mail : iliyashussain1966@gmail.com
Mobile : +91-9717324769
चाणक्य (विष्णुगुप्त) : मौर्य्य साम्राज्य का निर्माता
चन्द्रगुप्त : मौर्य्यःसम्राट्
नन्द : मगधःसम्राट्
राक्षस : मगध का अमात्य
वररुचि (कात्यायन) : मगध का अमात्य
शकटार : मगध का मंत्री
आम्भीक : तक्षशिला का राजकुमार
सिंहरण : मालव गणमुख्य का कुमार
पर्वतेश्वर : पंजाब का राजा (पोरस)
सिकन्दर : ग्रीक विजेता
फिलिप्स : सिकन्दर का क्षत्रप
मौर्य्य-सेनापति : चन्द्रगुप्त का पिता
एनीसाक्रीटीज : सिकन्दर का सहचर
देवबल, नागदत्त, गणमुख्य : मालव गणतंत्र के पदाधिकारी
साइबर्टियस, मेगास्थनीज : यवन दूत
गान्धार-नरेश : आम्भीक का पिता
सिल्यूकस : सिकन्दर का सेनापति
दाण्ड्यायन : एक तपस्वी
नारीःपात्र
अलका : तक्षशिला की राजकुमारी
सुवासिनी : शकटार की कन्या
कल्याणी : मगध राजकुमारी
नीला, लीला : कल्याणी की सहेलियाँ
मालविका : सिन्धु देश की राजक्मारी
कार्नेलिया : सिल्यूकस की कन्या
मौर्य्य-पत्नी : चन्द्रगुप्त की माता
एलिस : कार्नेलिया की सहेली
Hindi Sahitya Vimarsh
UGCNET/JRF/SLET/PGT (हिन्दी भाषा एवं साहित्य) के
परीक्षार्थियों के लिए सर्वोत्तम मार्गदर्शक
Hindisahityavimarsh.blogspot.in
मुहम्मद इलियास हुसैन
E-mail : iliyashussain1966@gmail.com
Mobile : +91-9717324769
प्रसाद के नाटक अजातशत्रु के पात्र
प्रसाद के नाटक अजातशत्रु के पात्र
पुरुष-पात्र
बिम्बिसार : मगध का सम्राट्
अजातशत्रु (कुणीक) : मगध का राजकुमार
उदयन : कौशाम्बी का राजा, मगध सम्राट् का जामाता
प्रसेनजित् : कोसल का राजा
विरुद्धक (शैलेन्द्र) : कोसल का राजकुमार
गौतम : बुद्धदेव
सारिपुत्र : सद्धर्म के आचार्य
आनन्द : गौतम के शिष्य
देवदत्त (भिक्षु) : गौतम बुद्ध का प्रतिद्वन्द्वी
समुद्रदत्त : देवदत्त का शिष्य
जीवक : मगध का राजवैद्य
वसन्तक : उदयन का विदूषक
बन्धुल : कोसल का सेनापति
सुदत्त : कोसल का कोषाध्यक्ष
दीर्घकारायण : सेनापति बन्धुल का भांजा, सहकारी सेनापति
लुब्धक : शिकारी
(काशी का दण्डनायक, अमात्य, दूत, दौवारिक और अनुचरगण)
नारी-पात्र
वासवी : मगध-सम्राट् की बड़ी रानी
छलना : मगध-सम्राट् की छोटी रानी और राजमाता
पद्मावती : मगध की राजकुमारी
मागन्धी (श्यामा) : आम्रपाली
वासवदत्ता : उज्जयिनी की राजकुमारी
शक्तिमती (महामाया) : शाक्यकुमारी, कोसल की रानी
मल्लिका : सेनापति बन्धुल की पत्नी
बाजिरा : कोसल की राजकुमारी
नवीना : सेविका
(विजया, सरला, कंचुकी, दासी, नर्त्तकी इत्यादि)
Hindi Sahitya Vimarsh
UGCNET/JRF/SLET/PGT (हिन्दी भाषा एवं साहित्य) के
परीक्षार्थियों के लिए सर्वोत्तम मार्गदर्शक
Hindisahityavimarsh.blogspot.in
मुहम्मद इलियास हुसैन
सहायक : शाहिद इलियास
E-mail : iliyashussain1966@gmail.com
Mobile : +91-9717324769
पुरुष-पात्र
बिम्बिसार : मगध का सम्राट्
अजातशत्रु (कुणीक) : मगध का राजकुमार
उदयन : कौशाम्बी का राजा, मगध सम्राट् का जामाता
प्रसेनजित् : कोसल का राजा
विरुद्धक (शैलेन्द्र) : कोसल का राजकुमार
गौतम : बुद्धदेव
सारिपुत्र : सद्धर्म के आचार्य
आनन्द : गौतम के शिष्य
देवदत्त (भिक्षु) : गौतम बुद्ध का प्रतिद्वन्द्वी
समुद्रदत्त : देवदत्त का शिष्य
जीवक : मगध का राजवैद्य
वसन्तक : उदयन का विदूषक
बन्धुल : कोसल का सेनापति
सुदत्त : कोसल का कोषाध्यक्ष
दीर्घकारायण : सेनापति बन्धुल का भांजा, सहकारी सेनापति
लुब्धक : शिकारी
(काशी का दण्डनायक, अमात्य, दूत, दौवारिक और अनुचरगण)
नारी-पात्र
वासवी : मगध-सम्राट् की बड़ी रानी
छलना : मगध-सम्राट् की छोटी रानी और राजमाता
पद्मावती : मगध की राजकुमारी
मागन्धी (श्यामा) : आम्रपाली
वासवदत्ता : उज्जयिनी की राजकुमारी
शक्तिमती (महामाया) : शाक्यकुमारी, कोसल की रानी
मल्लिका : सेनापति बन्धुल की पत्नी
बाजिरा : कोसल की राजकुमारी
नवीना : सेविका
(विजया, सरला, कंचुकी, दासी, नर्त्तकी इत्यादि)
Hindi Sahitya Vimarsh
UGCNET/JRF/SLET/PGT (हिन्दी भाषा एवं साहित्य) के
परीक्षार्थियों के लिए सर्वोत्तम मार्गदर्शक
Hindisahityavimarsh.blogspot.in
मुहम्मद इलियास हुसैन
सहायक : शाहिद इलियास
E-mail : iliyashussain1966@gmail.com
Mobile : +91-9717324769
बुधवार, 10 जनवरी 2018
जयशंकर प्रसाद के नाटक ध्रुवस्वामिनी के पात्र
ध्रुवस्वामिनी
रामगुप्त
शिखरस्वामी
मन्दाकिनी
चन्द्रगुप्त
कोमा
शकराज
खिंगल
मिहिरदेव
मन्दाकिनी
बुधवार, 20 दिसंबर 2017
Ugc/cbsenet/jrf/nov.2017 hindi-2 में प्रश्न संख्या 18 के दो उत्तर हैं౼ C और D
Ugc/cbsenet/jrf/nov.2017 hindi-2 में एक प्रश्न के दो उत्तर
मुहम्मद इलियास हुसैन
Mobile : 9717324769
Hindi sahitya vimarsh.blogspot.in
E-mail : iliyashussain1966@gmail.com
Ugc/cbsenet/jrf/nov.2017 hindi-2 में प्रश्न संख्या 18 के दो उत्तर हैं౼ C और D।
Ugc/cbsenet/jrf/nov.2017 के ऑन्सर की में C को सही माना गया है । सवाल उठता है कि उन छात्रों का क्या होगा, जिन्होंने D उत्तर दिया है ?
18. 'प्रगतिवाद' शीर्षक पुस्तक के लेखक हैं౼
(A) रामविलास शर्मा (B) रांगेय राघव
(C) शिवकुमार मिश्र (D) शिवदानसिंह चौहान
शिवदान सिंह चौहान : प्रगतिवाद (1946)
शिवकुमार मिश्र : प्रगतिवाद (1966)
मुहम्मद इलियास हुसैन
Mobile : 9717324769
Hindi sahitya vimarsh.blogspot.in
E-mail : iliyashussain1966@gmail.com
Ugc/cbsenet/jrf/nov.2017 hindi-2 में प्रश्न संख्या 18 के दो उत्तर हैं౼ C और D।
Ugc/cbsenet/jrf/nov.2017 के ऑन्सर की में C को सही माना गया है । सवाल उठता है कि उन छात्रों का क्या होगा, जिन्होंने D उत्तर दिया है ?
18. 'प्रगतिवाद' शीर्षक पुस्तक के लेखक हैं౼
(A) रामविलास शर्मा (B) रांगेय राघव
(C) शिवकुमार मिश्र (D) शिवदानसिंह चौहान
शिवदान सिंह चौहान : प्रगतिवाद (1946)
शिवकुमार मिश्र : प्रगतिवाद (1966)
शिवदान सिंह चौहान के आलोचना-ग्रंथ
शिवदान सिंह चौहान के आलोचना-ग्रंथ
मुहम्मद इलियास हुसैन
Mobile : 9717324769
Hindi sahitya vimarsh.blogspot.in
E-mail : iliyashussain1966@gmail.com
आलोचनात्मक ग्रंथ : प्रगतिवाद (1946), साहित्य की परख (1946), हिंदी साहित्य के अस्सी वर्ष (1954), साहित्यानुशीलन (1955), आलोचला के मान (1958), साहित्य की समस्याएँ (1958), परिप्रेक्ष्य को सही करते हुए (1999) ।
मुहम्मद इलियास हुसैन
Mobile : 9717324769
Hindi sahitya vimarsh.blogspot.in
E-mail : iliyashussain1966@gmail.com
आलोचनात्मक ग्रंथ : प्रगतिवाद (1946), साहित्य की परख (1946), हिंदी साहित्य के अस्सी वर्ष (1954), साहित्यानुशीलन (1955), आलोचला के मान (1958), साहित्य की समस्याएँ (1958), परिप्रेक्ष्य को सही करते हुए (1999) ।
सदस्यता लें
संदेश (Atom)