वीरेन डंगवाल
(5 अगस्त 1947 - 28 सितंबर 2015)
जन्म : कीर्तिनगर, टेहरी गढ़वाल, उत्तराखंड में।
श्री डंगवाल में नागार्जुन और
त्रिलोचन का-सा विरल लोकतत्व, निराला का सजग फक्कड़पन और मुक्तिबोध की बेचैनी और
बौद्धिकता एक साथ मौजूद है।
श्री डंगवाल अमर उजाला के ग्रुप सलाहकार और बरेली के स्थानीय संपादक रहे। वर्ष
2009 में एक विवाद के चलते उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया था।
कविता-संग्रह
1. इसी दुनिया में (1990) इस संग्रह
पर रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार (1992) और श्रीकान्त वर्मा स्मृति पुरस्कार (1993)
में
2. दुष्चक्र में स्रष्टा (2002) इस संग्रह पर शमशेर सम्मान
(2002) और साहित्य अकादमी पुरस्कार (2004) में
3. कवि ने कहा
4. स्याही ताल
प्रतिनिधि रचनाएँ
§
उधो, मोहि ब्रज
§
कवि
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समता के लिए
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गप्प-सबद
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